अंतर्राष्ट्रीय जल रंग कार्यशाला में देश विदेश के कलाकारों का हुआ संगम, देश के विकास में कला का महत्वपूर्ण योगदान -प्रेमचंद अग्रवाल

अंतर्राष्ट्रीय जल रंग कार्यशाला में देश विदेश के कलाकारों का हुआ संगम,  देश के विकास में कला का महत्वपूर्ण योगदान -प्रेमचंद अग्रवाल

देहरादून

नंदा चौकी स्थित प्रेमनगर देहरादून के रास बिहारी बोस सुभारती विश्वविद्यालय के डॉ. मुक्ति भटनागर सुभारती स्कूल ऑफ फाइन आर्ट्स एंड फैशन डिजाइन द्वारा पूर्वाेदय आर्ट फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में चल रही दो दिवसीय 5 वीं वर्णम अंतर्राष्ट्रीय जल रंग कार्यशाला के दूसरे दिन देश विदेश के कलाकारों का संगम हुआ। कलाकारों ने अपने अनुभव साझा करते हुए विद्यार्थियों का ज्ञान वर्धन किया।

दूसरे दिन कार्यशाला का शुभारंभ मुख्य अतिथि उत्तराखंड सरकार के कैबिनेट मंत्री श्री प्रेमचंद अग्रवाल, विशिष्ट अतिथि डायरेक्टर जनरल ईसीएस डीआरडीओ बैंगलोर से डॉ.बी. के दास, प्रतिकुलपति डॉ. हिमांशु ऐरन, प्रताप राउत संस्थापक पूर्वाेदय आर्ट फाउंडेशन, ट्रस्टी अवनि कमल, कार्यशाला के संयोजक विभागाध्यक्ष संतोष कुमार, मनोज सिंह ने किया।

भारत के पूर्व प्रधानमंत्री श्री मनमोहन सिंह के निधन के कारण सांस्कृतिक कार्यक्रमों को निरस्त कर दिया गया।

सुभारती समूह के संस्थापक डॉ.अतुल कृष्ण ने अंतर्राष्ट्रीय जल रंग कार्यशाला के आयोजन पर सभी को बधाई दी। उन्होंने अपने प्रेषित संदेश में कहा कि भारतीय संस्कृति व सभ्यता को कला के क्षेत्र ने उत्कृष्टता प्रदान की है। उन्होंने कहा कि देहरादून के लिए यह गर्व का विषय है, कि देश विदेश के कलाकारों ने सुभारती विश्वविद्यालय में उपस्थित होकर अपना ज्ञान सभी से साझा किया।

मुख्य अतिथि उत्तराखंड सरकार के कैबिनेट मंत्री श्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि किसी भी देश के विकास में कला का महत्वपूर्ण योगदान होता है। यह साझा दृष्टिकोण, मूल्य, प्रथा एवं एक निश्चित लक्ष्य को दिखाता है। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय जल रंग कार्यशाला के आयोजन पर सुभारती समूह के संस्थापक डॉ. अतुल कृष्ण को बधाई दी। उन्होंने कहा कि देहरादून में रास बिहारी बोस सुभारती विश्वविद्यालय ने उच्च गुणवत्ता युक्त शिक्षा के साथ भारतीय संस्कृति व इतिहास को प्रोत्साहन देने का गौरवशाली कार्य किया है।

विशिष्ट अतिथि डायरेक्टर जनरल ईसीएस डीआरडीओ बैंगलोर से डॉ.बी. के दास ने कहा कि आर्थिक, सामाजिक एवं अन्य गतिविधियों में संस्कृति एवं रचनात्मकता का समावेश होता है। भारत में गीत-संगीत, नृत्य, नाटक-कला, लोक परंपराओं, कला-प्रदर्शन, धार्मिक-संस्कारों एवं अनुष्ठानों, चित्रकारी को कला ने विरासत के रूप में संरक्षित करने का कार्य किया है। उन्होंने सभी विद्यार्थियों को डीआरडीओ द्वारा भारत की रक्षा शक्ति को सशक्त करने हेतु किये जा रहे कार्यो से भी रूबरू कराया। उन्होंने शानदार कार्यक्रम हेतु सभी की सराहना की।

प्रतिकुलपति डॉ.हिमांशु ऐरन ने कहा कि कला की कोई सीमा नहीं होती है। विविध संस्कृति, परंपरा को कला के माध्यम से ही प्रदर्शित किया जाता है। उन्होंने बताया कि सुभारती विश्वविद्यालय शिक्षा, सेवा, संस्कार एवं राष्ट्रीयता के मंत्र से अपने विद्यार्थियों का ज्ञान वर्धन कर रहा है। विश्वविद्यालय के डॉ. मुक्ति भटनागर सुभारती स्कूल ऑफ फाइन आर्ट्स एंड फैशन डिजाइन द्वारा कला के विद्यार्थियों को निपुण बनाकर उन्हें देशहित में कार्य करने के संकल्प के साथ रोजगार के अवसर प्रदान किये जा रहे है।

पूर्वाेदय आर्ट फाउंडेशन के सचिव एवं कार्यक्रम संयोजक मनोज सिंह ने बताया कि कार्यशाला में देश विदेश से आए कलाकारों ने अपने अनुभव से विद्यार्थियों का ज्ञान वर्धन हुआ है। उन्होंने कहा कि कला का क्षेत्र बहुत विस्तृत है और इस कार्यशाला से विद्यार्थियों को अनुभवी विशेषज्ञों के माध्यम से नई तकनीक सीखने का अवसर मिला है।

कार्यक्रम में उत्कृष्टता हेतु कलाकारों को सम्मानित भी किया गया।
धन्यवाद ज्ञापन सहायक निदेशक अमित जोशी ने दिया।

इस अवसर पर ट्रस्टी श्रीमति अवनी कमल, कुलसचिव खालिद हसन, प्रशासनिक अधिकारी रविंद्र प्रताप सिंह, बलवंत बोहरा, डॉ लोकेश त्यागी, प्रजापति नौटियाल, संतोष सहित पूर्वाेदय संस्था के अध्यक्ष प्रताप राउत, सचिव मनोज सिंह की विशेष उपस्थिति रही।
कार्यक्रम में फाइन आर्ट के गीतिका शर्मा, मनोज आनंद ,दीपक सिंह, शैफाली नेगी, अंकुश गौरयाण ,प्रतिष्ठा भंडारी, बदरे आलम, नेहा तथा संदीप नेगी, रविकांत, राजदीप, शुभम आदि का सहयोग रहा।

News Desk

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