केदारनाथ यात्रा मार्ग पर रेस्क्यू तथा खोजबचाव का कार्य लगातार जारी, अभी तक कुल 9099 लोगों को सकुशल किया गया है रेस्क्यू ,स्निफर डॉग की भी ली जा रही है मदद
देहरादून
सचिव, आपदा प्रबन्धन एंव पुनर्वास विनोद कुमार सुमन ने बताया कि दिनाँक 31.07.2024 को अतिवृष्टि के कारण अवस्थापना को भारी क्षति पहुँची है। मुख्यमंत्री द्वारा इस आपदा के कारण केदारनाथ तथा केदारनाथ यात्रा मार्ग पर फंसे लोगों के रेस्क्यू के लिए पूरी क्षमता के साथ खोज बचाव तथा राहत कार्य कराये जाने के निर्देश दिये गये है।
मुख्यमंत्री के द्वारा दिये गये निर्देशों के क्रम में दिनांक 03.08.2024 को सांय 05ः00 बजे तक केदारनाथ धाम से 58 लोगों को, भीमबली तथा लिंचोली से 1849 लोंगों को तथा चीड़बासा (गौरीकुण्ड) से 75 लोगों को, इस प्रकार कुल 1982 लोगों को एयरलिफ्ट किया गया है। भीमबली तथा लिंचोली से लगभग 455 लोगों को चौमासी-कालीमठ के रास्ते निकाला गया है तथा गौरीकुण्ड से सोनप्रयाग हेतु लगभग 6662 लोगों को सकुशल निकाला गया है। इस प्रकार दिनाँक 01.08.2024 से 03.08.2024 तक कुल 9099 लोगों को सकुशल निकाला गया है।
रेस्क्यू तथा खोजबचाव का कार्य लगातार जारी है।
केदारनाथ तथा रास्ते में उपर की और लगातार घने बादल छाये है तथा इस कारण रेस्क्यू कार्य में लगातार व्यवधान हो रहा है। भारतीय वायुसेना द्वारा उपलब्ध कराया चिनूक हैलीकॉप्टर मौसम खराब होने के कारण अभी तक एक भी उड़ान नहीं भर पाया है। एमआई-17 हैलीकॉप्टर द्वारा खराब मौसम के कारण अभी तक केवल 3 उड़ान भरी जा सकी है, तथा केवल 60 लोगों को रेस्क्यू किया जा सका है।
राज्य सरकार द्वारा छोटे हैलीकॉप्टरों से रेस्क्यू का कार्य किया जा रहा है। दिनांक 04.08.2024 को लगभग 400 लोगों को केदारनाथ जी से लिंचौली तक पैदल लाकर लिंचौली से इनको हैलीकॉप्टर के माध्यम से चारधाम हैलीपेड, सिरसी हैलीपेड आदि स्थानों पर लाया गया है। वर्तमान में रेस्क्यू कार्य हेतु 05 हैलीकॉप्टर लगाए गए हैं। आज दिनाँक 04.08.2024 लिंचौली तथा भीमबली से लगभग 560 लोगों को तथा केदारनाथ से 80 लोगों को इस प्रकार कुल 640 लोगों का रेस्क्यू किया गया है।
इस प्रकार दिनाँक 04.08.2024 तक सांय तक श्री केदारनाथ धाम से 138 लोगों को लिंचौली और भीमबली से 2409 लोगों को तथा चीड़बासा (गौरीकुण्ड) से 75 लोगों को इस प्रकार कुल 2622 लोगों को एयरलिफट किया गया है तथा चारधाम हैलीपेड, सिरसी हैलीपेड आदि स्थानों पर लाया गया है। भीमबली तथा लिंचौली से पैदल मार्ग से अब तक कुल 567 लोगों को चौमासी कालीमठ तक लाया गया है। इसी प्रकार गौरीकुण्ड से सोनप्रयाग तक कुल 7185 लोगों को वापस लाया गया है। इस प्रकार दिनाँक 04.08.2024 को सांय 05ः00 बजे तक कुल 10374 लोगों को वापस लाया गया है।
वर्तमान में गौरीकुण्ड से सभी को सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया गया है। गौरीकुण्ड में कोई भी यात्री शेष नहीं है। वर्तमान में वहाँ पर रहने वाले स्थानीय निवासीगण, दुकानदार, डोली पालकी संचालक, घोड़े खच्चर संचालक आदि रह रहें हैं। भीमबली तथा लिंचौली से भी अधिकांश यात्रियों को सकुशल रेस्क्यू कर लिया गया है। लिंचौली में लगभग 50 यात्री रूके है। केदारनाथ धाम में लगभग 350 यात्री रूके हुए हैं। केदारनाथ धाम में लगभग 350 लोगों के अलावा तीर्थ पुरोहित, स्थानीय दुकानदार, स्थानीय निवासी, पालकी डोली संचालक, घोड़े खच्चर संचालक आदि भी है। जो भी लोग नींचे आना चाहते हैं, मुख्यमंत्री द्वारा उनको भी आवश्यकतानुसार रेस्क्यू किये जाने के निर्देश दिये गये है।
दिनांक 03.08.2024 को गौरीकुण्ड में बीएसएनएल की दूरसंचार सेवा बहाल कर दी गयी है। जिन लोगों से सम्पर्क नहीं होने की बात की जा रही थी, पुलिस द्वारा ऐसे लोगों से सम्पर्क करने का प्रयास किया गया। दिनांक 03.08.2024 को पुलिस द्वारा सम्पर्क किये जाने पर अधिकांश लोगों से संपर्क हो गया है। पुलिस द्वारा लगातार अन्य लोगों से संपर्क करने का प्रयास किया जा रहा है। यदि किसी व्यक्ति का यात्रा करने वाले उसके परिजनों से संपर्क नहीं हो पाया है वह जिला प्रशासन तथा पुलिस प्रशासन द्वारा इस हेतु जारी किये गये दूरभाष नम्बरों पर सम्पर्क कर अपने परिजनों के बारे में जानकारी प्राप्त की जा सकती है।
हैल्प लाईन नं0-
लैंडलाईन 01364.233727, 297878, 297879,
मोबाइल 7579257572, 8958757335, 7579104738
यदि अभी भी कुछ लोग ऐसे पाये जाते हैं जिनसे सम्पर्क नहीं हो पा रहा है तो उसका एक कारण यह हो सकता है कि वह कहीं रास्ते में हो अथवा उनका मोबाइल स्विच ऑफ हो गया हो।
रेस्क्यू के दौरान तथा रेस्क्यू के उपरान्त रेस्क्यू किये गये व्यक्तियों का स्वास्थ्य परीक्षण किये जाने की व्यवस्था की गयी है। ताकि किसी भी यात्री को स्वास्थ्य सम्बन्धी परेशानी होने पर समय पर समुचित ईलाज किया जा सके।
वर्तमान में चारधाम यात्रा मार्ग पर तथा केदारनाथ धाम में स्थिति सामान्य है। यात्रामार्ग पर तथा केदारनाथ धाम में सभी लोग पुरी तरह से सुरक्षित हैं। राहत एवं बचाव कार्य पूरी क्षमता के साथ किया जा रहा है।